वहीं घटना के दौरान महिला केयर टेकर बब्बू ने सबसे पहले पीजी से धुआं उठते देखा। आग लगते ही बब्बू ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इससे पीजी में मौजूद करीब 20 छात्राओं ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद बब्बू ने शोर मचाया कि मुस्कान, रिया और पाक्षी कमरे में रह गईं हैं। मामला पुलिस और फायर ब्रिगेड तक पहुंचा। दमकल की गाड़ियों ने आग पर करीब आधे घंटे में काबू पाकर अंदर घुसने की स्थिति बना दी जबकि पूरी तरह से आग को बुझाने में दो घंटे का समय लग गया। इस दौरान फायर लीडिंग मैन अमरजीत सिंह ने बताया कि पीजी के पहले मंजिल आग भड़की हुई थी। उनकी टीम किसी अंदर दाखिल हुई। इस दौरान पता चला कि अंदर तीन लड़कियां फंसी हुईं हैं।
उनके कमरे को अच्छी तरह खंगाला गया जिनमें दो लड़कियों ने खुद को बाथरूम के अंदर बंद कर रखा था। शोर सुनकर उन लोगों को किसी तरह कंबल के सहारे बाहर लाया गया जबकि धुआं ज्यादा होने के कारण मुस्कान को तलाशना काफी मुश्किल हो रहा था। तभी कुछ आहट सुनाई दी। देखा तो मुस्कान बेड के नीचे दबी हुई थी। उसका पूरा चेहरा और सिर झुलस चुका था। इसके बाद उस फौरन अस्पताल पहुंचाया गया। घटना के बाद सेक्टर-17, 38 और रामदरबार से कुल पांच दमकल गाड़ियां पहुंचीं।
छत पर छोटी सी जगह में टीनशेड लगाकर बनाए गए हैं कमरा
कोठी में चलाए जा रहे पीजी के टॉप फ्लोर पर फर्जी तरीके से टीनशेड लगाकर छोटे-छोटे कमरे बनाए गए हैं। पीजी से निकलने का सिर्फ एक ही रास्ता है। छोटे से जगह में 10 से 12 कमरे बनाए गए हैं, जिनमें 34 छात्राएं रहती थीं। पीजी की पिछली तरफ की टीन शेड पूरी तरह जलकर खाक हो गया। इस आग में लाखों रुपये के सामान जलकर राख हो गया, जिसमें बेड, कपड़े, लैपटॉप, मोबाइल, कैश, किताबें, जरूरी कागजात समेत अन्य सामान जलकर राख हो गया। घटना के बाद फायर ब्रिगेड की टीम देर रात तक आग के कारणों का पता लगाने में जुटी हुई हैै।